Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -24-Nov-2023

शीर्षक - स्वैच्छिक (हमारी लालसाएं)

           रजनी एक पढ़ी-लिखी परिवार की इकलौती एकमात्र लडकी थी जीवन में बहुत कुछ उतार-चढ़ाव  होते हैं। ऐसा ही हमारी कहानी में कुछ हमारी लालसाएं हमारे जीवन में होती है जीवन में सभी के कुछ न कुछ इच्छाएं या लालसाये होती है जिससे हमारे जीवन में हम सभी जीवन की राह में उम्मीद और हकीकत के साथ-साथ हम सभी अपने अपने अंतर्मन में सोच कर चलते हैं। 
             रजनी अपने परिवार को सहयोग करती थी परन्तु जीवन के रंगमंच में हम सभी किसी न किसी इच्छा के साथ लालसाएं हमारे मन भावों में कुछ न कुछ होती हैं। और रजनी की लालसाएं बहुत ही ऊंची उड़ान की सोच रखती हैं। आज 

रजनी अपने जीवन में टीवी शो और स्टेज प्रोग्राम के लिए अपनी सोच रखती थी। रजनी खूबसूरत और अच्छी कद काठी की थी। अपने मन की लालसाएं और सोच के साथ रजनी अपने परिवार को नौकरी के लिए दूसरे शहर मे जैसे मुंबई कोलकाता जाने के लिए मन बना लेती है। और अपने परिवार से इजाजत लेकर रजनी मुंबई की ओर रवाना हो जाती है क्योंकि मुंबई मैं एक बचपन की सहेली अंजना रहती थी रहती थी परंतु हम सभी को कभी भी दूसरे के साथ एकदम इतना विश्वास करना भी जीवन में दुखदाई हो जाता है परंतु रजनी एक स्वतंत्र विचारों की लड़की थी उसे जीवन में बस एक टीवी या स्टेज शो में काम करने की लालसाएं थी। और रजनी मुंबई की ट्रेन में बैठी हुई सफर कर रही थी मन में उसके मन में बहुत सी खुशी और इच्छाओं की समुद्र उमड़ रहे थे। परन्तु रजनी को यह अंदाजा नहीं था कि मुंबई कोई छोटा-मोटा शहर नहीं है और ना ही जिस शहर से आ रही है उसकी तरह ईमानदार शहर है। मुंबई अपने आधुनिक युग में आधुनिक शहर है और वहां का रहन-सहन खान सब अलग तरह का है रजनी अपने ख्यालों में कोई भी जीवन की लालसाओं को पूरा करने का ख्वाब संजोय ट्रेन में सफर कर रही थी। सोचते सोचते रजनी की आंख लग गयी। और जब सुबह हुई तो ट्रेन मुंबई के प्लेटफार्म पर पहुंच चुकी थी और रजनी की आंखें अब अपनी सहेली अंजना को ढूंढ रही थी और अंजना कही अता पता नहीं था। और वह अंजना के द्वारा दिए पते पर पहुंच जाती है। जब वह अंजना के पत्ते पर पहुंचती है। तब अंजना गेट खोलती है। अंजना कहती है अरे मैं तो भूल गई थी तुझे लेने जाना था। रजनी कहती है कोई बात नहीं दोस्ती में ऐसा हो जाता है और मैं तेरे घर खुद आ गई। रजनी जब के घर में उसकी मुलाकात राकेश और रंजना से होती हैं। अंजना कहती हैं कि यह हमारे दोस्त है। बेडरूम में पहुंचती है तब वहां बहुत से अलग तरह की चीज दिखती है जिसमें उसका रुम कुछ अस्त व्यस्त नजर आता हैं। और अंजना कहती है। रजनी यह मुंबई है यहां तो हर चीज पैसा ही पैसा है क्योंकि मुंबई में हम सिर्फ पैसे के बल पर ही जिंदगी जीते हैं और यहां सपने पूरे करने के लिए कुछ खोना कुछ पाना पड़ता है अब तू मुंबई आ गयी है तो धीरे-धीरे शहर की भाषा भी समझ जाएगी तू जिन लालसाएं के साथ मुंबई आई है। वह सपने भी पूरे हो सकते हैं परंतु उसके लिए हमें क्या करना होगा यह तू धीरे-धीरे अपने सपनों के साथ समझ जाएंगी। अंजना रजनी से कहती हैं कि चल तू नहा धोकर तैयार हो जा और हम खाना खाते हैं। और जब रात होने लगती है तब रजनी से अंजना कहती है अब तू आराम कर मेरा काम का टाइम हो गया है रजनी कहती है अब तो रात हो रही है। मुंबई की रात ही दिन होती है यहां बहुत से ऐसे काम में जो रात में ही होते हैं। अंजना रजनी को शुभ रात्रि कहकर चली जाती है। जब अंजना सुबह चार पांच बजे आती हैं तो अंजना शराब के नशे में चूर थी और उसके कपड़े बाल सभी कुछ अस्त व्यस्त से हो रहे थे। रजनी के गेट खोल ते ही वह अपने वेडरुम में जाकर सो जाती हैं और जब सुबह रजनी चाय बनाती हैं तब अंजना को चाय देती हैं तब अंजना रजनी से चिपक कर रोने लगती हैं और आज अंजना रजनी को बताती हैं जिस लड़के के साथ यहां आयी थी उसने मुझे एक कांव गर्ल बना दिया जबकि मेरे जीवन में भी बहुत बढ़िया लालसाएं थी कि मेरा भी अपना घर रह होंगा बस का ब मेरी जिंदगी एक रात का बस सफर बनकर रह गई हूं। तब रजनी अंजना को हौसला देती हैं कि अब मैं ऐसा नहीं होने देंगी परन्तु अंजना उसे समझाती है खाली सोच और लालसाएं ही जीवन में नहीं जब तक हमारे पास राह न हो। और अंजना रजनी को घर वापस चले जाने के लिए समझाती हैं। अभी कुछ ही दिन हुए थे कि अंजना की तबीयत बिगड़ जाती हैं तब रजनी पास के अस्पताल में ले जाती हैं तब वहां डाक्टर कहते हैं इनको तो एड्स की बीमारी है। और यह बस अ ब इनकी अंतिम स्टेज हैं। ऐसा सुन रजनी को डर लगता । और अंजना अपनी जिंदगी छोड़कर चली जाती हैं। सच और हक़ीक़त की लालसाएं रह जाती हैं। और रजनी अ ब हकीकत और लालसाएं सह मैं चुकी थी। और सुबह रजनी अपने गांँव की ट्रेन में बैठे हुए अंजना की हकीकत को सोच रही थी। सच ज़िंदगी और जीवन की लालसाएं हमेशा पूरी नहीं होती हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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6 Comments

Rupesh Kumar

18-Dec-2023 07:32 PM

Nice

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Gunjan Kamal

18-Dec-2023 05:38 PM

👌👏

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Khushbu

18-Dec-2023 05:15 PM

Nyc

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